क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह? (Why did Hanuman Ji have to marry)

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क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह? (Why did Hanuman Ji have to marry)

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हनुमान जी को बालब्रह्मचारी के रूप में जाना जाता है और लोग कहते है की उनकी शादी नहीं हुयी थी लेकिन बहुत कम ही लोग ये जानते है की हनुमान जी का विवाह पूरी विधि विधान से हुआ था| पराशर संहिता में इसका उल्लेख भी मिलता हैं| 

क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह?

पराशर संहिता के अनुसार हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था और हनुमान जी सूर्य देव शिक्षा ग्रहण कर रहे थे सूर्यदेव के पास नौ (9) दिव्य विद्याये थी और इन सभी विद्याओं का ज्ञान हनुमान जी प्राप्त करना चाहते थे| 
सूर्यदेव नौ में से पांच (5) विद्याओं का ज्ञान हनुमान जी को प्रदान कर दिया था लेकिन बची चार विद्याओं का ज्ञान हनुमान जी को देने के लिए सूर्य देव के सामने एक विकत संकट आ गया था इन बची चार विद्याओ का ज्ञान केवल उन्ही शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हो और हनुमान जी बालब्रह्मचारी थे जिसके कारण सूर्यदेव हनुमान जी को बची चार (4) विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ हो गए जो एक बड़ी परेशानी बन गयी थी | 
इस समस्या के निवारण के लिए सूर्यदेव ने हनुमान जी से विवाह करने के लिए बोला पहले हनुमान जी ने विवाह के लिए मन कर दिया लेकिन हनुमान जी को बची चार विद्याओं का ज्ञान पाना ही था इस कारण हनुमान जी ने विवाह के लिए हां कर दी| 
क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह? (Why did Hanuman Ji have to marry)
क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह? (Why did Hanuman Ji have to marry)

जब हनुमान जी विवाह के लिए मान गए तब हनुमान जी के योग्य कन्या की तलाश स्वयं सूर्यदेव की पुत्री सुरवचला पे खत्म हुयी सुरवचला ने अपने पिता की आज्ञा को मानते हुए विवाह के लिए हां कर दिया और तब सूर्यदेव ने हनुमान जी से बोला की सुरवचला परम तपस्वी और तेजस्वी है और सुरवचला का तेज केवल आप ही सहन कर सकते है और सूर्यदेव ने हनुमान जी से यह भी बोला की सुरवचला से विवाह करने के बाद आप इस योग्य हो जायेंगे की बची चार विद्याओं का ज्ञान हनुमान प्राप्त कर सके|  
सूर्य देव ने हनुमान जी को यह बताया की सुरवचला से विवाह करने के बाद भी हनुमान जी सदैव बालब्रह्मचारी ही रहेंगे क्योकि विवाह के बाद सुरवचला पुनः तपस्या में लीन हो जायेगी| जिसके कारण उनका बालब्रह्मचारी धर्म नहीं टूटेगा| 
अतः हनुमान जी ने सुरवचला से विवाह करके बची चार विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया और विवाह के बाद सुरवचला अपनी तपस्या में लीन हो गयी और हनुमान जी सदैव बालब्रह्मचारी भी रहे| 
हनुमान जी और उनकी पत्नी सुरवचला का एक मात्र मंदिर भारत के तेलंगाना के खम्मम जिले में है यह मंदिर काफी प्राचीन है यहाँ हनुमान जी और उनकी पत्नी सुरवचला जी की प्रतिमा विराजमान है इस मंदिर की मान्यता है की जो भी विवाहित दंपत्ति इस मंदिर में हनुमान जी और उनकी पत्नी सुरवचला के दर्शन करता है उन भक्तो के वैवाहिक जीवन की सभी परेशानिया दूर हो जाती है और पति पत्नी में प्रेम बना रहता है|  
दोस्तों कमेंट करके जरूर बतायेगा की क्या आपको इससे पहले पता था की हनुमान जी का विवाह हुआ था| 

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