शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग की कथाएँ (Shiva’s 12 Jyotirlinga Stories)

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शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग की कथाएँ (Shiva’s 12 Jyotirlinga Stories)

तुम ही शिव हो तुम ही शंकर
तीनो लोक के तुम ही स्वामी
तुम ही आदि तुम ही अन्नत
कैलाश में बैठे तुम ही अविनाशी
नंदी भृंगी रिटी टुंडी श्रृंगी नंदिकेश्वर
बेताल पिशाच तोतला भूतनाथ
नंदीगढ़ सब मिलकर तुमको ध्यावे
जटा में गंगा माथे चन्द्र गले में वासुकि साजे
जलंधर का संहार किया विष का जो पान किया
तीनो लोक में नीलकंठ का डंका बाजे

शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग की कथाएँ (Shiva's 12 Jyotirlinga Stories)

शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग

1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirlinga)

जब दक्ष ने दिया था निशानाथ को अभिशाप
हो जाये तेरा तेज निरंतर ही आधा
भय प्रकट शिव बनकर सोमनाथ बाबा
दूर किया चंद्र का विघ्न और बाधा

2- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (Mallikarjuna Jyotirlinga)

है क्रोंच पर्वत जो कैलाश समाना
था गणेश कार्तिक के झगडे को सुलझाना
पर्वत पर पधारे शिव बनकर मल्लिकार्जुन
मल्लिका माता पार्वती को शिव को अर्जुन जाना

3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga)

कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी कथा सुनाई
श्रीकृष्ण ने शिक्षा ली जहाँ महाकालेश्वर की नगरी कहलायी
श्री दक्षिणा मुख विराजे महाकाल का डंका बाजे
सिंहस्थ पर्व की सवारी देखो महाकुम्भ पर साजे

4- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirlinga)

है पर्वत माला ऐसी जिसका नर्मदा मैया चककर लगाती
ब्रह्म मुख से निकला ओंकार है बनाती
मन्धाता ने घोर तपस्या कर वरदान माँगा था
33 कोटि देवताओं सहित प्रकट भय ओंकारेश्वर विधाता

5- केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Kedareshwar Jyotirlinga)

नर नारायण की तपस्या से प्रसन्न हुआ कैलाशी
भ्रात हत्या से मुक्ति पाने जहाँ पहुंचे थे पांडु वंशी
हिमालय की गोद में अवतरित हुआ वो अविनाशी
बद्री संग विराजे मेरे भोले बाबा केदार वासी

6- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga)

कुम्भकर्ण की हत्या का प्रतिशोध लेना पुत्र ने ठाना था
ब्रह्मा को प्रसन्न कर विजयी  माँगा था
हाहाकार हो उठा तीनो लोकों में भीमा के अत्याचारों से
शिव ने उसका अंत कर भीमा शंकर नाम पाया था

7- विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग (Vishweshwar Jyotirlinga)

महाप्रलय के समय हाहाकार हो उठा धरती पर
महादेव ने बचाया काशी को धारण कर त्रिशूल पर
कैलाश से दूर भ्रमण पर निकले माता संग भोलेनाथ
सुन्दर भव्य मोक्षदायनी को अपनाकर बनाया काशीविश्वनाथ

8- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga)

गौ हत्या के पाप में भटक रहे ऋषि गौतम
मुक्ति पाने को धरा परिक्रमा करने चल पड़े ऋषि गौतम
ऐसी भक्ति देखकर त्रिनेत्र ही प्रकट हुए नीलकंठ
ऋषि के आग्रह पर दक्षिणी गंगा संग विराजे त्र्यंबकेश्वर

9- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (Baidyanath Jyotirlinga)

था एक विद्वान पंडित बड़ा अभिमानी
कैलाश पर्वत को उठाने की उसने थी ठानी
संग चले शिव रावण के लंका निज स्थान को
रख दियो धरा पर लंकापति ने प्रभु वैद्यनाथ को

10- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshvara Jyotirlinga)

एक वैश्य धर्मात्मा सुप्रिय बड़ा सदाचारी था
बंदी उसको बनाने वाला राक्षस दारुक अत्याचारी था
भक्त की जान बचाने को कारागार में शिव थे पधारे
रूप धरा नागेश्वर का पशुपात्र से दारुक को संहारे

11- रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग (Rameshwar Jyotirlinga)

वह स्थान जहाँ घटने वाली थी एक महत्वपूर्ण घटना
सिया को लाने लंका से तैयार खड़ी थी सेना
विजय सुनिश्चित करने को राम ने शिव वंदन किया था
आराध्य द्वारा स्थापित होकर शिव ने रामेश्वरम् नाम दिया था

12- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (Ghrishneshwar Jyotirlinga)

देवगिरी पर्वत पर सुधर्मा सुदेहा नामक एक दंपत्ति रहता था
संतान पाने को बहन घुश्मा से पति का दूसरा व्याह कराया था
प्यार बदल गया ईष्या में, सुदेहा से पाप करवाया था
उसी पुत्र का वध करने चली, घृष्णेश्वर बाबा ने बचाया था

दोस्तों अगर आपको 12 ज्योतिर्लिंग की यह कथाये जिन्हे अलग तरीके से बताया गया है अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताये।

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